LAKADI ki PAHCHA

शीशम की लकड़ी की पहचानने का सबसे आसान तरीका

          शीशम की लकड़ी की पहचान कैसे करते हैं


जब भी हम लोग अपना घर बनवाते हैं तो हमें लकड़ियों को समझना वह पहचानना मैं बहुत ज्यादा दिक्कत होती है कई बार दो कारपेंटर या कोई अन्य व्यक्ति किसी और लकड़ी का नाम बता कर कोई और लकड़ी लगा देता है बाद में आपको पता चलता है तो आपको दुख होता है तो मैं आज आप सभी के लिए शीशम लकड़ी को आप किस तरह पहचान सकते हैं इस पोस्ट में यही जानेंगे मैं हूं अभिषेक शर्मा मैं आप सभी का मेरी वेबसाइट sharma ji interior पर आप सभी का स्वागत करता हूं
शीशम की लकड़ी को पहचानने के 5 तरीके

1) शीशम की लकड़ी को कलर रंग द्वारा पहचानना

शीशम की लकड़ी को पहचानना बहुत ही ज्यादा आसान है क्योंकि इस लकड़ी की कोई भी डुप्लीकेट लकड़ी नहीं आती है शीशम केवल एक ही प्रकार की होती है अगर हम शीशम को कलर द्वारा पहचानना चाहे तो इसको डार्क ब्राउन कलर के साथ आपको वाइट कलर भी मिलता है वाइट कलर हर लकड़ी में आपको मिलेगा इसे कह सकते हैं कच्ची पक्की लकड़ी जो वाइट हिस्सा है उसे कच्ची लकड़ी और जो डाक भवन हिस्सा है उसे पक्की लकड़ी मतलब की शीशम कहते हैं  इस कलर में यही एक लकड़ी है जो पाई जाती है अगर आप एक तरफ सागौन की लकड़ी रखें और दूसरी तरफ शीशम की तो दोनों में फर्क आपको पता चल जाएगा यह लकड़ी किसी दूसरी लकड़ी से मेल नहीं खाती है इसलिए इस लकड़ी को पहचानना बहुत ही आसान होता है
2) शीशम की लकड़ी को वजन द्वारा पहचानना

वैसे तो किसी भी लकड़ी को आप वजन द्वारा पहचान नहीं सकते हैं पर अगर वह लकड़ी सबसे अलग और सबसे वजनदार हो तो आपको इसे पहचानना बहुत ही आसान होगा जैसा कि शीशम की लकड़ी बहुत ही ज्यादा भारी होती है अन्य लकड़ियों के मुताबिक अगर आप शीशम और किसी अन्य लकड़ी को उठाकर देखेंगे तो जो भारी लकड़ी हो गई वह शीशम की होगी अगर दूसरी तरफ वाली लकड़ी गीली नहीं तब
3) शीशम को सुगंध द्वारा पहचानना

अगर आप शीशम की सुगंध को नहीं जानते हैं तो बता दें जिस जगह पर शीशम की घिसाई या फिर उसके ऊपर रंदा मशीन चल रही होगी वहां पर आपको सांस लेने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होगी इसका सुगंध बहुत ही ज्यादा बेकार होता है और इसका बुरादा भी नाक में बैठने लगता है आप बिना मास्क लगाए इस लकड़ी पर काम नहीं कर सकते हैं
4) शीशम की लकड़ी में दिमाग क्यों नहीं लगता है

आप सभी को पता पता होगा कि शीशम में दिमाग नहीं लगता है यही इस लकड़ी की पहचान है पर काफी लोग या कहते हैं कि शीशम में भी दिमाग लगता है तरह से शीशम में जितना भी हिस्सा वाइट होता है केवल धीमा वही खा पाता है जितना हिस्सा डार्क ब्राउन होता है वह दीमक नहीं खा सकता है क्योंकि दिमाग को या लकड़ी बहुत ही ज्यादा कड़वी लगती है या फिर कह सकते हैं कि दीमक को या लकड़ी पसंद नहीं है इसलिए शीशम में दीमक भी नहीं लगती है या भी एक पहचान है शीशम की लकड़ी की

5) शीशम लकड़ी बहुत ज्यादा टेड़ी मेड़ी होती है

शीशम की लकड़ी में जैसे बहुत सारी अच्छाइयां है उसमें एक बुराई भी शामिल है वह यह है कि जब भी शीशम की लकड़ी गीली रहती है जब वह सुखना स्टार्ट होती है तो बहुत ही ज्यादा टेड़ी मेड़ी होती है यह अन्य लकड़ियों से ज्यादा टेड़ी मेड़ी होती है पर या लकड़ी अन्य लकड़ियों से बहुत ही ज्यादा मजबूत होती है इस पर काम करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है इस पर कारपेंटर के औजार जल्दी काम नहीं करते हैं कारपेंटर के जितने भी औजार रहते हैं उनकी धारे बहुत ही जल्दी खत्म हो जाती हैं क्योंकि या लकड़ी बहुत ही ज्यादा मजबूत होती है जिसकी वजह से इसको काटना और रंदा मारना बहुत ही ज्यादा दिक्कत का काम होता है
बस दोस्तों यही थी जानकारी शीशम की लकड़ी की पहचान के बारे में उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद कुछ और जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट करें

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नमस्कार दोस्तों, मैं Kritika Parate हूं, मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है, मैं आपको ALMARI DESIGN,JALI DOOR DESIGN,MODULAR KITCHEN DESIGN,CARPENTER TOOS TIPS,ALMARI DESIGN, LAKADI ki PAHCHA बारे में जान पाएंगे, आशा है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आएगा। अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद.

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